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चुनाव के नतीजे मोदी की राजनीतिक और नैतिक हार, सोनिया बोलीं- सांसद नई सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए रहें तैयार
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09/06/2024 12:32 AM Total View: 6639
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के नतीजों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक और नैतिक हार करार दिया। कहा कि मोदी ने नेतृत्व का नैतिक अधिकार खो दिया है। संविधान सदन (पुरानी संसद) के केंद्रीय कक्ष में नवनिर्वाचित सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विफलता की जिम्मेदारी लेने के बजाय प्रधानमंत्री रविवार को फिर से शपथ लेने की इच्छा रखते हैं।कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के नतीजों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘राजनीतिक और नैतिक हार’ करार दिया। कहा कि मोदी ने नेतृत्व का नैतिक अधिकार खो दिया है।
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संविधान सदन (पुरानी संसद) के केंद्रीय कक्ष में नवनिर्वाचित सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विफलता की जिम्मेदारी लेने के बजाय प्रधानमंत्री रविवार को फिर से शपथ लेने की इच्छा रखते हैं। सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी और उसके सहयोगियों के नाम पर नहीं, बल्कि केवल अपने नाम पर जनादेश मांगा था। लेकिन उन्हें राजनीतिक और नैतिक हार का सामना करना पड़ा है।क्लिक करें: हमारे WhatsApp ग्रुप को जॉइन करें
मोदी ने जो जनादेश मांगा था, वह खो दिया
वास्तव में उन्होंने जो जनादेश मांगा था, वह खो दिया है। इस तरह उन्होंने नेतृत्व का अधिकार भी खो दिया है। फिर भी विफलता की जिम्मेदारी लेने के बजाय वह फिर से शपथ लेने की इच्छा रखते हैं। हम उनसे यह उम्मीद नहीं करते कि वह अपने शासन की शैली को बदल देंगे, न ही (वह) लोगों की इच्छा का संज्ञान लेंगे।
कांग्रेस सांसद नई सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए सतर्क रहें
सोनिया ने कहा, इसलिए कांग्रेस संसदीय दल के सदस्यों के रूप में हमारा यह विशेष दायित्व है कि हम उन्हें और उनकी नई सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए सतर्क, सजग और सक्रिय रहें। कांग्रेस नेता ने कहा कि अब सत्ताधारी प्रतिष्ठान को संसद को बाधित करने, सदस्यों के साथ मनमाने ढंग से दुर्व्यवहार करने या उचित विचार-विमर्श और बहस के बिना कानून पारित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
संसदीय समितियों को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
सोनिया गांधी ने कहा, संसदीय समितियों को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और न ही किया जाना चाहिए, जैसा कि 2014 से किया जा रहा है। अब संसद को और दबाया नहीं जाएगा, जैसा कि पिछले 10 वर्षों में किया गया है। आने वाले समय को चुनौतीपूर्ण बताते हुए उन्होंने कांग्रेस सांसदों से कहा कि उन्हें सत्ताधारी दल द्वारा ध्रुवीकरण को बढ़ाने और हमारे संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों के क्षरण के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सतर्क रहना होगा। ऐसे सभी प्रयासों को विफल किया जाना चाहिए।