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10 दिनों से होटल के कमरे में बंद था परिवार, फिर जो हुआ… पुलिस ने खोला कमरा तो रह गई सन्न
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20/02/2024 11:24 AM Total View: 6676
मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक हैरान कर देने वाली घटना घटी है. यहां साकी नाका के एक होटल में परिवार के एक सदस्य के क्षत-विक्षत शरीर के साथ 10 दिन बिताए, जहां उन्होंने 41 दिन पहले चेक-इन किया था. मृत महिला के ब्रिटेन से लौटे बेटे द्वारा शनिवार रात पुलिस को मामले की सूचना देने के बाद शव बरामद कर लिया गया और परिवार के सदस्यों को पूछताछ के लिए ले जाया गया.
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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, अब्दुल करीम सुलेमान हलाई (82), उनकी बेटी नसीमा यूसुफ हलाई (48), नसीमा की 26 वर्षीय बेटी और अब्दुल के बेटे और पोते ने 21 दिसंबर, 2023 को होटल ग्रैंड्योर में चेक इन किया. प्रारंभिक जांच से पता चला कि 8 फरवरी को मरने से पहले नसीमा को उल्टी और दस्त का अनुभव हुआ था, जिसके बाद उसके भतीजे ने नसीमा के बेटे यासीन को एक ईमेल भेजकर मौत की जानकारी दी.क्लिक करें: हमारे WhatsApp ग्रुप को जॉइन करें
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पुलिस के ऐसे बरामद हुआ शव
साकी नाका पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक गबाजी चिमटे ने कहा ‘हमें मौत के बारे में तब पता चला जब यासीन शनिवार रात ब्रिटेन से आया और हमें सूचित किया. हमारी टीम ने होटल के कमरे का दौरा किया और शव बरामद किया, जो लगभग सड़ चुका था. हमने शव को पोस्टमार्टम के लिए राजावाड़ी अस्पताल भेज दिया और दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज कर ली है.’
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने खुलासा किया कि यासीन को ईमेल उसी दिन लिखा गया था जिस दिन नसीमा की मृत्यु हुई थी. उन्होंने कहा कि ‘परिवार ने किसी को भी सूचित नहीं किया, यहां तक कि होटल स्टाफ और परिवार के अन्य सदस्यों को भी नहीं. वे हर समय दरवाजा बंद करके क्षत-विक्षत शरीर के साथ रहते थे. हमें यकीन नहीं है कि वे बदबू को छिपाने में कैसे कामयाब रहे. हम उनके और होटल कर्मचारियों के बयान दर्ज कर रहे हैं.’पुलिस के अनुसार, मां-बेटी की जोड़ी पहले जोगेश्वरी में रहती थी और नसीमा के पति से झगड़े के बाद 21 महीने पहले अपना घर छोड़कर चली गई थी. तब से परिवार के पांचों सदस्य शहर के अलग-अलग होटलों में रह रहे हैं. पैसे कमाने के लिए नसीमा ट्यूशन पढ़ाती थीं, जिसमें उनकी लॉ ग्रेजुएट बेटी मदद करती थी. यासीन ब्रिटेन में पढ़ाई कर रहा था और पिछले कुछ महीनों से अपनी मां की आर्थिक मदद करने के लिए अंशकालिक काम भी कर रहा था.